राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के "शिक्षण वर्ग"
संघ शिक्षण वर्ग
ये वर्ग बौद्धिक और शारीरिक रूप से स्वयंसेवकों को संघ की जानकारी तो देते ही हैं साथ-साथ समाज, राष्ट्र और धर्म की शिक्षा भी देते हैं। ये निम्न प्रकार के होते हैं:
दीपावली वर्ग -
ये वर्ग तीन दिनों का होता है। ये वर्ग तालुका या नगर स्तर पर आयोजित किया जाता है। ये हर साल दीपावली के आस पास आयोजित होता है।
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1939 के राष्ट्रीय अधिवेशन के समय का फोटो |
शीत शिविर या (हेमंत शिविर) -
ये वर्ग तीन दिनों का होता है, जो जिला या विभाग स्तर पर आयोजित किया जाता है। ये हर साल दिसंबर में आयोजित होता है।
निवासी वर्ग -
ये वर्ग शाम से सुबह तक होता है। ये वर्ग हर महीने होता है। ये वर्ग शाखा, नगर या तालुका द्वारा आयोजित होता है।
संघ शिक्षा वर्ग -
- प्राथमिक वर्ग,
- प्रथम वर्ष,
- द्वितीय वर्ष
- तृतीय वर्ष
कुल चार प्रकार के संघ शिक्षा वर्ग होते हैं। "प्राथमिक वर्ग" एक सप्ताह का होता है,
"प्रथम" और "द्वितीय वर्ग" २०-२० दिन के होते हैं, जबकि "तृतीय वर्ग" 25 दिनों का होता है। "प्राथमिक वर्ग" का आयोजन सामान्यतः जिला करता है, "प्रथम संघ शिक्षा वर्ग" का आयोजन सामान्यत: प्रान्त करता है, "द्वितीय संघ शिक्षा वर्ग" का आयोजन सामान्यत: क्षेत्र करता है। परन्तु "तृतीय संघ शिक्षा वर्ग" हर साल नागपुर में ही होता है।
बौद्धिक वर्ग -
ये वर्ग हर महीने, दो महीने या तीन महीने में एक बार होता है। ये वर्ग सामान्यत: नगर या तालुका आयोजित करता है।
शारीरिक वर्ग -
ये वर्ग हर महीने, दो महीने या तीन महीने में एक बार होता है। ये वर्ग सामान्यत: नगर या तालुका आयोजित करता है।
अन्य वर्ग आवश्यकतानुसार
समय के अनुसार इस प्रकार के वर्ग लगाये जाते है जो की कर्यक्रम या विशेष योजन के लिए किया जाता है ,उदाहरणार्थ वादे कार्यक्रम या किसी प्रकार की तैयारी के लिए ये कार्य दैनिक शाखा के रूटीन से भिन्न होता है | कम समय में ज्यादा काम कने के लिए स्वयंसेवकों को तैयार किया जाता है |
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