बड़े कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समय समय पर बड़े कार्यक्रम किये जातें है जिसमे विभिन्न प्रकार के बड़े कार्यक्रम जो की आरएसएस द्वारा किये जातें है जिसमें संघ का विस्तार और प्रभव दिखता है, विराधी कहते है आरएसएस शक्ति प्रदर्शन करता है किन्तु ये प्रदर्शन नही बल्कि आरएसएस का जमीनी काम है जो की अक आव्हान पर सब कुछ छोडकर हिन्दू समाज एकत्रित हो जाता है | ये है संघ की वास्तविकता है | संघ का ककम ईएसआई कारण वर्षों से चलता आ रहा है | और लाखों कार्यकर्ता स्वयं से पैसे लगाकर समय पर संघ की गतिविधियाँ और काम करतें है | 

इसलिए संघ अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत क्या है वो दिखता है | और गर्व से कहता है संघ के कार्यकर्ताओं की मेहनत है | सलिए संघ का कार्यकर्ता और उत्साह से ओर तीव्रता से संघ का कार्य करता है | देश और समाज के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए आगे बढता है इसलिए बिना किसी फायदे के लिये संघ का कार्यकर्ता समय देते है इसी कारण से राष्ट्रीय स्वयंसेवक की मेहनत बड़े आयोजनों में दिखाई पड़ती है | संघ के प्रभाव के करना संघ की बात भी समाज के लोग सुनते है | 

तो आइये उनका विवरण और वर्णन देखते है |

बड़े कार्यक्रम के भी अलग-अलग प्रकार है जो समाज आधारित और संघ शक्ति आधारित भी है | संघ के प्रशिक्षण आधारित भी होते है | कुछ कार्यक्रम चक्रीय क्रम में चलतें है और संघ की योजना में वर्ष भर भी निश्चित रहतें है | कुछ विशिष्ट होतें वैसे कभी नही होतें है वो स्मृति बन क रह जातें है | ऐसे भिन्न-भिन्न कार्यक्रम किये जातें है | आरएसएस की एक विशेषता है की कब क्या होगा किसी को कानों कान खबर नही होती है और योजना बन जाती है | ऐसे कार्यक्रमों की लम्भी श्रंखला है जिनका अनुमान नही लगाया जा सकता है | 

तो आइए जानते है की किस किस प्रकार के कार्यक्रम होते है जो आरएसएस में किये जातें है |

शीतकालीन शिविर : - शीतकालीन शिविर शीत ऋतू में किये जातें है जिसमें नगर, खंड, जिला, विभाग, प्रान्त स्तर के शिविर कियें जातें है ये शिविर 100 संख्या से लेकर 10000 संख्या तक भी ही सकतें है | जिसमें सैकड़ों से हजारों लोग भी रहा सकतें है | जिसकों व्यवस्था संघ और संघ के कार्यकर्ता ही करतें है | भोजन,आवास , और जो भी रहने के लियें कम से कम सामग्री उपयुक्त व्यवस्था की जाती है | जिसके कारण अस्थाई नगर या शहर सा दिखाई पड़ता है |

प्राथमिक वर्ग :- ये एक प्रशिक्षण सम्बन्धी कार्यक्रम रहता है | इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रारम्भिक प्रशिक्षण रहता है | इसमें 100 से -500 संख्या भी रहा सकती है | जिसकी समयावधि 7-8 दिन रहती है | यह संघ का पूर्ण रूप से प्रारम्भिक शिक्षा का एक वर्ग है | भिन्न भिन्न कटेगरी में इन वर्गों को किया जाता |

उच्च स्तर के प्रशिक्षण वर्ग :- ये ट्रेनिंग केम्प लगभग 15-20 दिन के होतें संघ के प्रारम्भिक समय से 50 वर्षों तक ये प्रशिक्षण वर्गों की समयावधि 40 दिनों की होती है | 90 के दशक में इन प्रशिक्षण के दिनों में कटोती की गयी हो 40 से 30 दिन के कर दिए गयें फिर 2016 में कटोती कर के 25 दिन कर दिया गया | 2023 में इनमे फिर से संशोधन करके जिन्हें पहले प्रशिक्षण वर्ग के रूप में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष, 2023 में इनके नाम में परिवर्तन करके प्रथम वर्ष को संघ शिक्षा वर्ग और द्वितीय वर्ष को कार्यकर्त्ता विकास वर्ग प्रथम 15 दिन अवधि कर डी गयी गयी  ,एवं तृतीय वर्ष को कार्यकर्ता विकास वर्ग द्वितीय जो 20 दिन का हो गया |

  1. संघ शिक्षा वर्ग 
  2. कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम 
  3. कार्यकर्त्ता विकास वर्ग द्वितीय 

पथ संचलन :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सथापना दिवस पर प्रतिवर्ष विजयादशमी के दिन संघ के स्वयंसेवक यूनिफार्म पहनकर मार्च करते है और ये हर वर्ष संघ की प्रक्रिया में है की विजयादशमी के दिन संघ के प्रत्येक स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में पता संचलन में निकलता है और वो उस पथ संचालन का हिस्सा बनता है आरएसएस की यह सबसे प्रचलित पहचान है जो की संघ का पहचान संचलन है आरएसएस की पहचान बन चुका संचालन आज लोगों के दिलों में बस गया  है जिसने आकर्षक संघ के घोष के घोष की ध्वनी कानों में सुने पडतें है लोग खींचे चले आतें है | क्युकी जो वाद्य बजते है वो रण वाद्य है जिनका आलग ही आकर्षण लोगों मेर दिखाई पड़ता है  भारत के प्रत्येक नगर-ग्राम ने संचलन की कोई ना कोई गतिविधि चलती है और सभ जगह पथ संचलन निकलता है | कभी-कभी संघ के पथ संचलन इतने बड़े निकलते है की पूरी दुनिया भर में उसकी चर्चाएँ होती है समाचार पत्र ख़बरों से पट जातें है हर जगह इसकी बातें होती संघ का संचलन की बातें होती है | आरएसएस का कहें तो एक प्रकार का शक्ति प्रदर्शन भी लोग कहतें है | संघ आरएसएस के विरोधियों का हर समय इन गतिविधियों को लेकर विरोध प्रकट करतें रहतें है पर संघ का इस पर कोई प्रतिक्रिया नही आती है | संघ मौन रहकर फिर से कार्यों में लग जातें है |

सांघिक एकत्रीकरण :-  सांघिक कार्यक्रम की एक अलग ही परिभाषा है | सांघिक कार्यक्रम उन्हें कहतें है संघ के बड़े आयोजनों में देखने को मिलतें है जिसका हजारों लोग या लाख लोग सांघिक कार्यक्रम किया जाता है राष्ट्रीय स्वयंसेवक के ऐसे बहुत सारें बड़े आयोजन देखे होंगे जिसका सांघिक प्रगटन किया जाता है |आरएसएस के प्रशिक्षण वर्गों में इसकों विशेष रूप से किया जाता है | जिसमे शारीरिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया जाता है | दो ऐसे बड़े कार्यक्रम के बारें में बतातें है की जिसकी चर्चाएँ विश्वभर में हुई थी किसकी कल्पना भी नही नही की जा सकती है | मध्यप्रदेश के मालवा में सन् 2013 इन्दौर में एक कार्यक्रम हुआ था जिसका नाम था प्रांत एकत्रीकरण जिसमें एक लाख संघ के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया था। ऐसे ही हाल ही में हैदराबाद में प्रांत शिविर आयोजित किया गया था जिसका पथ संचलन निकाला गया था। जिसमें बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवकों ने भाग लिया था।

विशेष आयोजन :- आर एस एस में कुछ समय समय पर विशेष आयोजन किया जाता है जिसमें संघ के केन्द्रीय प्रवास के तौर से भारत के हर प्रांत में आयोजित किया जाता है | 


 


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