आरएसएस से कैसे जुड़ें ?
नमस्कार मित्रों सादर अभिवादन जय श्री राम
आप सभी के मन में उत्सुकता होगी की हम संघ के बारें में जाने और संघ से जुड़ें और संघ का काम करें इसके लिए हमें क्या करना होगा तो आप का जिज्ञासा का समाधान के लिए आपको सबसे पहले संघ से जुड़ने के लिए आप अपने नजदीकी शाखा पर जा सकते है, या फिर आप किसी न किसी संघ के स्वयंसेवक से मिल कर उनसे सम्पर्क करके आप संघ की गतिविधियों में शामिल होकर आप संघ के स्वयंसेवक बन सकते है फिर आप संघ के सभी प्रकार के काम करने और संघ में आप अपना समय देने के लिये आतुर होंगे क्युकी संघ का काम है ही इतना मजेदार उत्सुकता वाला जो अभी संघ में आता है संघ का बना कर रहा जाता है. संघ में आने की बहुत सारे लोगों का और खास कर युवाओं में संघ का बहुत ही बड़ा क्रेज बन हुआ है सबसे ज्यादा संघ में युवा वर्ग ही आता है. युवा वर्ग बहुत ही आतुर है संघ माने के लिए शायद आप भी संघ को ज्वाइन करने और संघ में आने ले लिए लालायित हो रहे होने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक नया कार्यक्रम लाँचिंग किया है जो की ऑनलाइन है और इस पर जाकर आप संघ के जुड़ सकते है आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आधिकारिक website ज्वाइन आरएसएस join rss जाकर आप अपना फॉर्म फिल अप करके आप संघ के ऑनलाइन स्वयंसेवक बन सकते है.
आरएसएस का स्वयसेवक बनने के बाद कार्यकर्त्ता बनन पढता है सामाजिक और हिन्दू समाज के लिए काम करने का मन बन जाता है इसलिए संघ का कार्यकर्ता बनने की और अग्रसर हो जाता है | इसलिए संघ को देवो से भी दुर्लभ टोली माना जाता है. एक और बात है जो भी संघ में आये तो उसका पूज्यनीय सरसंघचालक श्री मोहन राव जी भगवत का स्पष्ट सन्देश दिया है की आप संघ पर उपकार करेंगे अगर आपके अंदर स्वार्थ है तो अपना स्वार्थ आप कही पर रखकर आए स्वार्थ रहित होकर संघ में आयें.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपने कार्यकर्ताओं को एक बात को ध्यान में रखकर काम करने की सलाह देता है संघ के कार्यकर्ता को ऐसा काम करना चाहिए की जिससे परिवार भी परेशान हो और व्यावसायिक गतिविधियाँ भी प्रभावित न हो इसलिए संघ में आने के पहले इन सब बातों को समझाया जाता है की संघ कार्यकताओं को अपने काम को प्रभावित किये बिना संघ में आना है, नही तो यदि घर का काम ही नही कर रहे है तो संघ में आने का क्या फायदा नही रहा जाता है संघ काम कार्यकर्ता बेगार नही हों चाहिए नही तो सामाजिक टूर पर भी संघ आरएसएस और स्वयं की बदनामी होती है.
आरएसएस से जुड़ने का मतलब है के आप भारत के अक जिम्मेदार नागरिक बनने की और अग्रेसर है, अत: संघ में आना याने की अपना पैसा अपना समय अपना व्यक्तिगत जीवन समाज के लिए लगाना है न की किसी के मुगालते पाल कर संघ में आयें.
यह पर इतने सारी बातें का मतलब यह है की संघ का से जुड़ना याने स्वयं को खपाकर हिन्दू समाज हित और देश हीतामें कम् करना है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक बनना याने की आप अपने जीवन को सही काम में लगा रहे हो न की किसी प्रकार के समय को अच्छे कम् में लगा रहे हो.
- आरएसएस में जुड़ने के लिए आप अलग अलग उम्र के आधार पर भी जुड़ सकते है.
- अगर आप शिशु बालकों को शाखा ला सकते है .
- बच्चों में लिए संघ का एक अलग काम है जिसे बाल -कार्य भी कहते है .
- किशोर वय के लिए भी एक अलग से योजना है .
- महाविद्यालयीन विद्यार्थी शाखा या महाविद्यालयीन कार्य एक योजना कालेज विद्यार्थियों के लिए भी चलती है
- 40 की उम्र के स्वयंसेवकों के लिए युवा व्यवसायी शाखा का भी प्रावधान किया गया है.
- 40+ व्यवसायी शाखा जिसमे 40 की उम्र से ज्यादा के व्यवसायी लोग आते है .
- विद्वानों के लिए जिसमे इंटेलेक्चुअल, उद्योग पतियों और प्रतिष्ठित लोगों के लिए सामाजिक उत्तरदायित्व तय किये जाते है.
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