"श्री गुरूजी" से संबन्धित पुस्तकें जानें और पढ़ें इन पुस्तकों का अध्ययन जरूत करें |



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परंम पूज्य श्री गुरूजी माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर  जी के जीवन और आदर्श तथा विचारों से असंख्य नही लाखों स्वयंसेवकों के विचार को आदर्श बनाया है | उनका सम्पूर्ण जीवन संगठन के हित और देश तथा समाज के हित में जीया इसलिए श्री गुरूजी के जीवन का वर्णन तथा स्मरण करना स्वयंसेवकों के लिए आवश्यक है | पूज्यनीय श्री गुरूजी का जीवन व्रत आदर्श रहा है इसलिए गुरूजी के जीवन से सम्बन्धित अनेकों पुस्तकों का लेखन हुआ है और अनेक पुस्तकों में श्री गुरुजी लेखन कार्य और संगठन की भावनाओं से ओतप्रोत है इसलिए आप पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करें |   

श्री गुरूजी के भी अनेकों कृतियों का लेखन किया | जिसमे सबसे महत्व पूर्ण है विचार नवनीत जो श्री गुरूजी के विचार और सामाजिक तानाबाना और अनेकों विषयों को विचार नवनीत में दर्शाया गया है | अनेकों बातें जो संगठन के लिए आवश्यक है उनका विवरण दिया गया है किन्तु जो पुस्तकें यहाँ बताई गयी है वो श्री गुरूजी के से सम्ब्निधित है जो अनेकों विषयों पैर अलग अलग पुस्तकें विमोचित की गयी है |

श्री गुरूजी ऐसे संघठक थे जिनका होना आज के समय में बहुत ही कठिन है | भारत में संघ को मजबूत और शिखर तक पहुचाने में श्री गुरूजी का अथक परिश्रम रहा है इसलिए गुरूजी पर अनेक पुस्तके लिखी जा चुकी है जो श्री गुरूजी और संघ लेखकों द्वारा लिखी हुई है |


श्री गुरूजी के विचारों से सम्बन्धित पुस्तकें 


  1. श्री गुरूजी और युवा 
  2. श्री गुरूजी और सामाजिक समरसता 
  3. स्वयं सेवक के सुमेरु श्री गुरूजी 
  4. श्री गुरूजी का सामाजित दर्शन
  5. श्री गुरूजी और  राजनीती 
  6. श्री गुरूजी के प्रेरक संस्मरण 
  7. श्री गुरूजी और शैक्षणिक प्रबोधन 
  8. पूर्वांचल और श्री गुरूजी 
  9. श्री गुरूजी और भारतीय मुसलमान 
  10. श्री गुरूजी और मातृशक्ति 
  11. राष्ट्रिय आपदाओं के समय श्री गुरूजी का मार्गदर्शन 
  12. श्री गुरुजी हिंदू जीवन का दृष्टिकोण
  13. श्री गुरूजी और इसाई मिशन
  14. श्री गुरूजी का आर्थिक चिंतन 
  15. व्यक्ति व राष्ट्रिय चरित्र 
  16. श्री गुरूजी बोध कथा 
  17. श्री गुरूजी व राष्ट्र आवधारण 
  18. अमृतवाणी श्री गुरूजी 

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