हर समस्या का साथी "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" के स्वयंसेवक


कार्य:

इतिहास गवाह है कि जब जब देश में संकट और विपदा आईं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने प्रत्यक्ष रूप से राहत कार्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का कार्य किया है

चाहे वह महामारी हों, युद्ध हो, प्राकृतिक आपदा हो,या कोई अन्य दुर्घटना हर सम्भव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने अपना समय तथा सहयोग दिया है।

ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे जहां संघ के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंच कर कार्य को सम्भाला है।

चाहे बाढ़, भूकंप,सुनामी, दुर्घटना, अनेकों बार देखा गया है।

सामाजिक सेवा और सुधार:-

हिन्दू धर्म में सामाजिक समानता के लिये संघ ने दलितों व पिछड़े वर्गों को मन्दिर में पुजारी पद के प्रशिक्षण का पक्ष लिया है। उनके अनुसार सामाजिक वर्गीकरण ही हिन्दू मूल्यों के हनन का कारण है।

महात्मा गांधी ने 1934 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविर की यात्रा के दौरान वहाँ पूर्ण अनुशासन देखा और छुआछूत की अनुपस्थिति पायी। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पूछताछ की और जाना कि वहाँ लोग एक साथ रह रहे हैं तथा एक साथ भोजन कर रहे हैं।

राहत और पुनर्वास:-

सुनामी के उपरान्त सहायता कार्य में जुटे स्वयंसेवक

राहत और पुर्नवास संघ कि पुरानी परंपरा रही है। संघ ने 1971 के उड़ीसा चक्रवात और 1977 के आंध्र प्रदेश चक्रवात में रहत कार्यों में महती भूमिका निभाई है।

संघ से जुडी सेवा भारती ने जम्मू कश्मीर से आतंकवाद से परेशान 57 अनाथ बच्चों को गोद लिया हे जिनमे 38 मुस्लिम और 19 हिंदू है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सेवा कार्य करते स्वयंसेवक 

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