राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्ग जिन्हें संघ शिक्षा वर्ग भी कहते हैं आइए जानते हैं।

आर एस एस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्ग:

आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समय-समय पर वर्गो शिक्षण वर्ग का आयोजन करता आ रहा है। और ऐसे वर्ग प्रशिक्षण हेतु हर वर्ष आयोजित किए जाते हैं जो संघ आर एस एस जो नियमानुसार होते हैं इन वर्गों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कि शाखाओं से सम्बंधित तथा सामाजिक समरसता और फिर राष्ट्रीय विचारों तथा भारतीय संस्कृति सभ्यता को लेकर अनेकों चर्चा सत्र बौद्धिक सत्र शारीरिक कार्यक्रम प्रमुख होते हैं।

    तो आइए जानते हैं कि आरएसएस के वर्ग कैसे होते हैं और आप भी प्रशिक्षण कैसे लें सकतें हैं यदि आप भी इन वर्गों में जाना चाहते हैं तो इसमें आप भी सहभागी बन सकतें हैं इसके लिए आपको जिस स्थान पर आप रहते हैं वहां के लोकल स्वयंसेवक या कार्यकर्ताओं से मिलकर आप अपना पंजीकरण करा सकतें और आगे कि क्या रुपरेखा होती है वो वहां के कार्यकर्ताओं से स्वयं सम्पर्क कर पूछें।

    पुनः मुख्य बात पर आतें हुए जानतें हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के वर्ग कैसे और कितने प्रकार के होते हैं?

    इनमें अलग-अलग आयु वर्ग और श्रेणीयों के अनुसार आतें हैं।

    शीतकालीन शिविर:- 

    इनमें शीतकालीन शिविर आयोजित किए जाते हैं जो कि शीत ऋतु में लगते हैं अलग-अलग प्रान्तों में मौसम कि अनुकूलता को देखते हुए लगाएं जातें हैं शीतकालीन शिविर जहां अत्यधिक ठंडी होती है वहां सम्भव नहीं होता है जिसके चलते अलग प्रकार के शिविर का आयोजन किया जाता है। ये शिविर अतिकतर कम ठंड गिरने वालें प्रदेशों में लगते हैं।

    प्राथमिक शिक्षण वर्ग:- 

    प्राथमिक वर्ग सात दिनों का प्रारम्भिक वर्ग होता है जिसमें संघ आरएसएस कि शाखा से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसे प्राथमिक वर्ग नाम दिया गया है इस प्रकार के वर्गों में शारीरिक, बौद्धिक, चर्चा इत्यादि कार्यक्रम शामिल रहते हैं। प्रशिक्षण वर्ग मुख्य रूप से आयु-वर्ग के अनुसार लगते हैं इन वर्गों में प्रमुख प्रकार ये हैं।

    • 1.व्यवसायी-स्वयंसेवक

    • 2.शालेय विद्यार्थी-स्वयंसेवक

    • 3.महाविद्यालयीन- स्वयंसेवक 

    संघशिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष:- 

    संघशिक्षा वर्ग को पहले OTC के नाम से भी जाना जाता था Officer training camp पहले ये वर्ग 40 दिनों के हुआ करते थे अब इन्हें कम करके 20 दिनों का कर दिया गया है। संघशिक्षा वर्ग में शामिल स्वयंसेवकों को 20 दिन तक एक ही स्थान पर रहकर प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें शिक्षार्थी और शिक्षक दोनों के लिए नियम और कानून होते हैं। इन वर्गों में ऐसी अनेक कठिनाइयां आती है जिसमें शिक्षार्थी एडजस्ट नहीं कर पाते हैं किन्तु फिर भी इसके लिए स्वयंसेवक तैयार रहते हैं किन्तु कठोरता पूर्वक प्रशिक्षण भी आवश्यक माना जाता है इसलिए इसमें सामान्य से सामान्य आवश्यकता और संसाधनों का उपयोग करतें हुए प्रशिक्षण दिया जाता है।

    संघशिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष:- 

    संघशिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष भी कुछ अचीवमेंट के बाद करने को मिलता है इस वर्ग में शामिल स्वयंसेवकों में सभी संघ के तहसिल स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाता है और ये सभी कार्यकर्ता संघशिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण ले चुके स्वयंसेवक रहते हैं। द्वितीय वर्ष कि 20 दिन कि अवधी होती है। जो बिल्कुल ही प्रथम वर्ष के समान ही रहता है। द्वितीय वर्ष में शारीरिक बौद्धिक कि पूर्व तैयारी करने के बाद ही शामिल होने कि रिकमेंडेशन होती है।

    संघशिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष:- 

    संघशिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष में पूरे भारतवर्ष से और विश्व के अन्य 40 देशों से भी कार्यकर्ता तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण लेने आतें हैं तृतीय वर्ष संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित होता है। प्रतिवर्ष यह वर्ग नागपुर में ही लगता है तृतीय वर्ष में वो कार्यकर्ता अपेक्षित रहता है जिनका द्वितीय वर्ष किया हुआ हों संघ का सक्रिय कार्यकर्ता कि भूमिका में हो। चूंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तृतीय वर्ष इसलिए भी नागपुर में आयोजित किया जाता है क्योंकि यह स्थान पूज्यनीय डाक्टर केशव बलिराम जी हेडगेवार का कर्मभूमि रहा है जिससे कि वहां आने वाला हर वो कार्यकर्ता जो कि प्रेरित किया जाता है डाक्टर हेडगेवार जी कि कार्यशैली को लेकर संघशिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष हर वर्ष ग्रीष्म ऋतु में आयोजित किया जाता है जिसे सामान्य तृतीय वर्ष कहते हैं। एक विशेष विशेष वर्ग होता है जिसमें बड़ी उम्र के कार्यकर्ताओं के लिए होता है 40+ वर्ष वालों के लिए।

    कार्यकर्ता शारीरिक बौद्धिक वर्ग:- 

    इन वर्गों में संघ कि शाखाओं में होने वाले शारीरिक बौद्धिक कार्यक्रम को क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

    दायित्व वान कार्यकर्ता प्रशिक्षण:- 

    अच्छी संघ कि शाखाएं चलाते और नए कार्यकर्ताओं के निर्माण और प्रशिक्षित करने के लिए इस तरह के अनेकों प्रकार के शिविर वर्गों का संचालन किया जाता है जो कि आवश्यकता के अनुसार अवश्यंभावी होता है।

    कार्यकर्ता सम्मेलन:- 

    ये वर्ग तीन वर्षों में एक बार ही आयोजित किया जाता है जिसमें संघ के सरकार्यवाह, सहसरकार्यवाह, तथा संघचालक के निर्वाचन के पूर्व आयोजित किया जाता है ये वर्ग ये सम्मेलन एक महत्वपूर्ण बात को लेकर केन्द्रित रहता है।

    प्रचारक/विस्तारक वर्ग:

    ये वर्ग सिर्फ और सिर्फ संघ आरएसएस के पूर्णकालिक सदस्यों जिसमें प्रचारक/विस्तारक स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए है।

    अन्यवर्ग कार्य अनुसार:-

    आरएसएस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के और भी कई तरह के वर्गों का आयोजन किया जाता है। किन्तु ये प्रशिक्षण वर्ग आर एस एस के आगामी सत्र और लक्ष्य और उद्देश्यों को ध्यान में रखकर भी समय समय पर तय किए जाते रहे हैं।

    ऐसी अनेकों बातें हैं जिन्हें आप शायद जानने के लिए उत्सुक तो किन्तु उसका कोई औचित्य नहीं है क्योंकि बहुत सी बातें बिना प्रेक्टिकल किए समझना मुश्किल हो जाता है इसलिए यदि आप संघ से जुड़ना या संघ के बारे में जानना समझना और चाहते हैं आपके मन में कोई प्रश्न हैं तों आप rrs.org पर विजिट करें।

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