भारतीय जन संघ एक संघर्षशील राजनैतिक संगठन जिसने भारत की दिशा और दशा बदल दी |



स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बना अखिल भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल है,भारतीय राष्ट्रवादी विचारधारा  को लेकर चलने वाला राजनैतिक संगठन है देश के सभी बाकी राजनैतिक संगठन अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षी विचारों के लेकर राजनीति करते है किन्तु जनसंघ ने भारतीयता को लेकर शुरुआत की थी श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जो सपना देखा था उनके बलिदान को भारतीय जनता पार्टी ने साकार किया  पहले इसका नाम भारतीय जनसंघ था। इस दल का स्थापना 21 अक्टूबर 1951 को दिल्ली में की गयी थी। इसके तीन संस्थापक सदस्य थे- श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने 1952 के संसदीय चुनाव में ३ सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (1975-1976) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया।

सन 1980 में जनता पार्टी टूट गयी। भारतीय जनसंघ के एक गुट ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में जनसंघ से अलग होकर समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा के नेताओं के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। उसके बाद भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य प्रोफेसर बलराज मधोक ने अखिल भारतीय जनसंघ को चुनाव आयोग से पंजीकरण कराकर भारतीय जनसंघ को बनाए रखा। प्रोफेसर बलराज मधोक 2016 तक अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहे। उनकी मृत्यु के पश्चात अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आचार्य भारतभूषण पाण्डेय हैं।

बीजेएस का सबसे मजबूत चुनावी प्रदर्शन 1967 के लोकसभा चुनाव में हुआ, जिसमें उसने 35 सीटें जीतीं, जब कांग्रेस का बहुमत अब तक का सबसे कम था। 

पार्टी ने दिल्ली की सात में से छह संसदीय सीटें हासिल कीं और मेट्रोपॉलिटन काउंसिल और नगर निगम पर नियंत्रण हासिल कर लिया।

अखिल भारतीय जनसंघ की कथित विचारधारा "एकात्म मानववाद" सर्वप्रथम १९६५ में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी।


क्र. अध्यक्ष नाम सन
1. Syama Prasad Mukherjee 1951–52
2. Mauli Chandra Sharma 1954
3. Prem Nath Dogra 1955
4. Debaprasad Ghosh 1956–59
5. Pitamber Das 1960
6. Avasarala Rama Rao 1961
7. Debaprasad Ghosh 1961
8. Raghu Vira 1963
9. Debaprasad Ghosh 1964
10. Bachhraj Vyas 1965
11. Balraj Madhok 1966
12. Deendayal Upadhyaya 1967–68
13. Atal Bihari Vajpayee 1968–72

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