संगठन मंत्र (Sangthan Mantra) ॐ सङ्गच्छध्वं संवदध्वं,सं वो मनांसि जानताम्।

संगठन मंत्र (Sangathan Mantra) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बैठक से पूर्व करवाए जाने वाला मंत्र है। आपको यह बता दें की यह मंत्र rss sangathan mantra नहीं है अपितु यह ऋग्वेद से लिया गया 3 श्लोकों (वैदिक मंत्रों) का समूह है। संघठन मंत्र से हमें सामूहिक निर्णय करने की प्रेरणा मिलती है।

ॐ सङ्गच्छध्वं संवदध्वं ,

सं वो मनांसि जानताम्।

देवा भागं यथा पूर्वे ,

संञ्जानाना उपासते।।1 ।।

समानो मंत्रः समितिः समानी,

समानं मनः सहचित्तमेषाम्।

समानं मन्त्र अभिमन्त्रये वः ,

समानेन वो हविषा जुहोमी।। 2।।

समानी व आकूतिः ,

समाना हृदयानि वः।

समानमस्तु वो मनो ,

यथा वः सुसहासति।। 3।। 

।। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ||

अर्थ : – पग से पग ( कदम से कदम )मिलाकर चलो ,स्वर से स्वर मिलाकर बोलो ,तुम्हारे मनों में समान बोध ( ज्ञान ) हो। पूर्व काल में जैसे डिवॉन ने अपना भाग प्राप्त किया ,सम्मिलित बुद्धि से कार्य करने वाले उसी प्रकार अपना – अपना अभीष्ट प्राप्त करते हैं।इन ( मिलकर कार्य करने वालों ) का मन्त्र समान होता है अर्थात यह परस्परमंत्रणा करके एक निर्णय पर पहुँचते हैं ,चित्त सहित इनका मन समान होता है। मैं तुम्हें मिलकर समान निष्कर्ष पर पहुँचने की प्रेरणा या परामर्श देता हूँ ,तुम्हें समान भोज्यप्रदान करता हूँ।हम सभी के संकल्प एक समान हो , हम सभी के हृदय की इच्छाएं एक समान हो ,हम सभी के विचार एक समान हो , जिससे कि हम सब में पूर्ण समरसता आये।

                                  ।। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।


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