विश्व के 40 से अधिक देशों में संघ की शाखाये लगती है |

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का संपर्क अब विश्व के  40 से देशों में पहुंच चुका है। विदेशों मे संघ की शाखाएं हिंदू स्वयंसेवक संघ’ के नाम से लगती हैं। संघ का यह नेटवर्क अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा मिडल ईस्ट के देशों में भी है।


इन देशों में संघ का कार्य चलता है | 

श्री लंका और भी अन्य देशों में संघ का कार्य बहुत ही तेजी से बढ रहा है |

रमेश सुब्रह्मण्यम संभाल रहे हैं जिम्मेदारी

  • संघ की शाखाएं 39 देशों में लगाई जा रही हैं। इन शाखाओं का काम रमेश सुब्रह्मण्यमदेख रहे हैं।
  • रमेश ने 1996 से 2004 के बीच मॉरिशस में संघ की शाखाएं ऑर्गनाइज की थीं।
  • फिलहालवे सेवा’ नाम की एक संस्था से जुड़े हैंजो विदेशों में संघ के प्रोग्राम के लिए फंड जुटाती है।
  • रमेश का कहना है कि हिंदू स्वयंसेवक संघ विदेशों में दूसरे हिंदू संगठनों के साथ मिलकर काम करता 
  • है। इनमें चिन्मय और रामकृष्ण मिशन प्रमुख हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्यों नहीं?

  • रमेश के मुताबिकविदेशों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जगह हिंदू स्वयंसेवक संघ खा जाता है।
  • ऐसा पूरी दुनिया के हिंदुओं को जोड़ने के लिए किया जा रहा है।
  • संघ से करीब 40 दूसरे संगठन जुड़े हैंलेकिन रमेश के मुताबिकविदेशों में काम कर रहा हिंदू 
  • स्वयंसेवक संघ इन सभी से काफी बड़ा है।

कहां तक है नेटवर्क? अर्थात सम्पर्क 

  • मीडिया रिपोर्ट के मुताबिकजिन 40 देशों में शाखाएं लग रही हैंउनमें से पांच देश तो मिडिल ईस्ट के हैं।
  • यहां मैदान की बजाय घरों में लोग इकट्ठा होते हैं। फिनलैंड में संघ की ई-शाखा लगाई जाती है।
  • इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 20 देशों के संघ से जुड़े लोग शामिल होते हैं।
  • भारत के बाद नेपाल में संघ की सबसे ज्यादा शाखाएं लगती हैं।
  • इसके बाद यूएस का नंबर आता हैजहां 146 जगहों पर संघ की शाखाएं लगती हैं।
  • वैसेसंघ का दावा है कि यूएस में शाखाएं बीते 25 साल से लग रही हैं।
  • यूएस में ये शाखाएं हफ्ते में एक बार लगती हैंजबकि ब्रिटेन में दो बार। ब्रिटेन में कुल 84 जगहों पर 
  • शाखाएं लगती हैं।

अतिरिक्त लेख

प्रमुख सरसंघचालक

जाने संघ के बारे मे और अधिक .

संघ कार्य पद्द्ती का विकास 

No comments

Theme images by dino4. Powered by Blogger.